पौराणिक साहित्य में कहा जाता है कि यह पृथिवी द्वेष आदि के कारण कटी-फटी है, इसे समतल बनाना है, पृथु बनाना है ।
3.
जमीन को समतल बनाना (कृषि योग्य), अपनी इच्छानुसार खेती करना, नये-नये कृषि-यंत्रों और प्रक्रिया विकसित करना अर्थात जमीन का दोहन, यह भी तो प्रकृति की मूल व्यवस्था के विरोध में ही है।
4.
पहाड़ी रास्तों को समतल बनाना भी अपने आप में किसी चुनौती से कम नहीं और जब इन रास्तों पर टाइल्स लगाना या सीमेंटीकरण करना हो तो किए गए काम को सूखने-मजबूत होने के लिए 24 घंटे का अंतर तो रखना ही पड़ेगा।
5.
पहाड़ी रास्तों को समतल बनाना भी अपने आप में किसी चुनौती से कम नहीं और जब इन रास्तों पर टाइल्स लगाना या सीमेंटीकरण करना हो तो किए गए काम को सूखने-मजबूत होने के लिए 24 घंटे का अंतर तो रखना ही पड़ेगा।